Type a search term to find related articles by LIMS subject matter experts gathered from the most trusted and dynamic collaboration tools in the laboratory informatics industry.
गिनी गुणांक (कभी-कभी गिनी अनुपात या सामान्यीकृत गिनी सूचकांक के रूप में अभिव्यक्त) एक सांख्यिकीय फैलाव का माप हैं, जिसका उद्देश्य किसी राष्ट्र के निवासियों के आय वितरण का प्रतिनिधित्व करना हैं, और यह सर्वाधिक प्रयोग होने वाला असमानता का माप हैं। इसका विकास एक इतालवी सांख्यिकीविद और समाजशास्त्री कोराडो गिनी द्वारा किया गया और यह उनके १९१२ के पत्र वरिएबिलिटी एण्ड म्युटेबिलिटी में प्रकाशित हुआ।(इतालवी: Variabilità e mutabilità)। [1][2]
गिनी गुणांक को वर्ष 1912 में इटैलियन सांख्यिकीविद् कोरेडो गिनी (Corrado Gini) ने विकसित किया। यह गुणांक आय के वितरण की विषमता की माप की सबसे प्रचलित विधि है, जो आय के प्रत्येक युग्म के बीच आय अंतर की माप करती है। यह वास्तविक लॅारेंज वक्र तथा निरपेक्ष रेखा के बीच का क्षेत्रफल तथा निरपेक्ष समता रेखा के नीचे के संपूर्ण क्षेत्र के बीच अनुपात प्रदर्शित करता है। गिनी गुणांक का अधिकतम मूल्य 1 के बराबर होगा तथा न्यूनतम मूल्य शून्य के बराबर होगा। गिनी गुणांक में यदि 100 से गुणा कर दें तो हम गिनी सूचकांक प्राप्त कर सकते हैं।