Effects of the storage conditions on the stability of natural and synthetic cannabis in biological matrices for forensic toxicology analysis: An update from the literature

मीतै लिपि में रचित एक पाण्डुलिपि

मणिपुरी (ꯃꯩꯇꯩꯂꯣꯟ, मैतै भाषा) भारत के मणिपुर प्रान्त एवं निचले असम के लोगों द्वारा बोली जाने वाली प्रमुख भाषा है। इसकी कई उपभाषाएँ भी हैं।[1] मणिपुरी भाषा, मैतै लोगों की मातृभाषा है। मणिपुरी भाषा, मैतै मायेक लिपि में तथा पूर्वी नागरी लिपि में लिखी जाती है। यह भारत के संविधान में 22 अनुसूचित भाषाओं में से एक है।[2][3][4]

परिचय

भारत के उत्तर-पूर्व में सात राज्यों - असम, मणिपुर, नागालैण्ड, अरूणाचल प्रदेश, मिजोरम, त्रिपुरा, मेघालय बहनों की तरह और सिक्किम भाई के रूप में बसे हैं। इन राज्यों में मूल रूप से तीन भाषा-परिवार मिलते हैं - भारत ईरानी, चीनी-तिब्बती तथा आस्ट्रिक। मणिपुर की भाषा (मीतैलोन) साइनो-तिब्बती परिवार के उप-कुल तिब्बती-बर्मी के अन्तर्गत आती है। मणिपुरी की लिपि को मीतै मयेक (मीतै लिपि) कहा जाता है। अब तक उन्नतीस भाषाएँ तथा बोलियाँ और अलग-अलग उन्नतीस मातृभाषाएँ उपलब्ध है। मणिपुरी भाषा ही इस राज्य की संपर्क भाषा है।

विश्व में इस भाषा को बोलनेवालों की संख्या 33 लाख है और इनमें से 16 लाख मणिपुरी तथा मणिपुरी मुस्लिम है। सम्पर्क भाषा के रूप में 7 लाख मणिपुर के नागा और कुकी जनजातियाँ बोलते है। बाकी के 5 लाख भारत के अन्य राज्यों-असम, त्रिपुरा और बंगाल में बोली जाती है। 4 लाख म्यान्मार के मण्डले, यांगुन तथा कलेम्यो में और एक लाख बंगलादेश के ढाका और सिल्हट में बोली जाती है।

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ

सन्दर्भ